हमारी संस्कृति में गाय को संपूर्ण विश्व की माता माना गया है। गाय के अंगों में संपूर्ण देवताओं का निवास बताया गया है। गाय की छाया को भी हमारे धर्म ग्रंथों में शुभ माना गया है। यात्रा के समय गौ माता का दर्शन सुखद यात्रा के लिए अति लाभकारी माना जाता है।गाय को एक पवित्र शक्ति के रूप में भी हमारे धर्म ग्रंथों में माना गया है। गाय के शरीर को स्पर्श करने वाली हवा को भी हमारे सनातन धर्म में पवित्र माना जाता है।
हमारे शास्त्रों में गाय को 33 कोटि देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। केवल गौ माता की सेवा से ही संपूर्ण देवी देवताओं की सेवा संपन्न मानी गई है, और इसलिए गौ माता को सर्वदेवमयी और सर्वतीर्थमयी भी कहा जाता है।
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